Thackrey (REVIEW)
Thackrey |
Directed by - Abhijit Panse.
Produced by - Viacom18 Motion Pictures, Dr. Shrikant Bhasi, Varsha Sanjay Raut, Purvashi Sanjay Raut, Vidhita Sanjay Raut.
Written by - Arvind Jagtap, Manoj Yadav.
Star Casting - Nawazuddin Siddiqui, Amrita Rao.
Release date - 25 January 2019
Running time - 139 minutes
Country - India
Language - Marathi, Hindi
Budget - $
Hello Friend बिना किसी Spoiler के
Film की कहानी है 1994 में जब bal thackrey को Lucknow के एक court में पेश किया जाता है। बाबरी मस्जिद के केस में और इस के बाद film चली जाती है 1960 के flash back में.
जब Bal Thackrey एक प्रेस में job करते थे इस flash back को ब्लैक and वाइट् में दिखाया जाता है जो की आज के time में बहुत ही मुश्किल है।
Film की कहानी है 1994 में जब bal thackrey को Lucknow के एक court में पेश किया जाता है। बाबरी मस्जिद के केस में और इस के बाद film चली जाती है 1960 के flash back में.
जब Bal Thackrey एक प्रेस में job करते थे इस flash back को ब्लैक and वाइट् में दिखाया जाता है जो की आज के time में बहुत ही मुश्किल है।
Film में Bal Thackrey 1960 से लेकर 1994 तक जीवन काल को दिखाया गया है इस time में Thackrey ने कैसे अपनी पार्टी बनाई और कैसे संघटन बनाया और बहुत कुछ इस film में दुखाया गया है।
1960 में महाराष्ट्र में मराठों को कमजोर दिखाना (ये कहा तक सही है । I Don't Know ).
1960 में महाराष्ट्र में मराठों को कमजोर दिखाना (ये कहा तक सही है । I Don't Know ).
महाराष्ट्र में अपने राज्यो पर बहार के लोग कैसे हावी होते है इस film में दिखाया गया है। (ये सब उस time में होता होगा )
तो बात करते है film की Directar साहब ने कुछ ज्यादा जल्दी करदी है इस film में Bal Thackrey को job झोड़ने से लेकर बाहुबली बनने तक बहुत जल्दी दिखाया गया है। film का screenplay एक सा नही रहता है कुछ जगह तो काफी अच्छा है और कुछ जगह पर तो फीका है। जिसकी वजह से film बहुत ही थकाऊ लगती है।
Fictional Seen की बात करे तो Bal Thackrey एक मुस्लिम को अपने निवास स्थान पर नमाज़ पढ़ने को इजाज़त देते है। जो की ये real life में कुछ हुआ ही नही।
Acting - Nawazuddin की acting में कोई कमी नही है ये एक बेहतरीन actor में से एक है। और इनकी मेहनत आप हर film में देख सकते है।
उन्होंने अपनी सभी seen में बारीकी से काम किया है।
तो बात करते है film की Directar साहब ने कुछ ज्यादा जल्दी करदी है इस film में Bal Thackrey को job झोड़ने से लेकर बाहुबली बनने तक बहुत जल्दी दिखाया गया है। film का screenplay एक सा नही रहता है कुछ जगह तो काफी अच्छा है और कुछ जगह पर तो फीका है। जिसकी वजह से film बहुत ही थकाऊ लगती है।
Fictional Seen की बात करे तो Bal Thackrey एक मुस्लिम को अपने निवास स्थान पर नमाज़ पढ़ने को इजाज़त देते है। जो की ये real life में कुछ हुआ ही नही।
Acting - Nawazuddin की acting में कोई कमी नही है ये एक बेहतरीन actor में से एक है। और इनकी मेहनत आप हर film में देख सकते है।
उन्होंने अपनी सभी seen में बारीकी से काम किया है।
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